🟠〰️कोई भी #धर्मस्थान #पर्यटन स्थान नही बनना चाहिये। चाहे वो #हिन्दु हो या #जैन
तीर्थ के लिये कहा जाता है की,
🔸"अन्य क्षेत्रे कृतं पापम् तीर्थक्षेत्रे विनश्यति❗
🔹तीर्थक्षेत्रे कृतं पापम् वज्रलेपो भविष्यति" ‼️
अतः किसी भी तीर्थ में तो कोई भी पाप कार्य करने से बचना ही चाहिये,, जैनों के तीर्थो में सर्वोच्च तीर्थ है #शत्रुंजय गिरिराज, जो की गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है, वर्तमान चोवीसी के 20 तीर्थंकर प्रभु जहां मोक्ष पर पधारे है वो #समेतशिखर तीर्थ, जो झारखंड में स्थित है और वर्तमान चोवीसी के एक एवं भविष्य की चोवीसी के सभी तीर्थंकर जहां मोक्ष पर पधारनेवाले है वो #गिरनार पर्वत, जो गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है"‼️
#धरमसथान #परयटन #हिनदु #जैन #शतरुंजय #समेतशिखर #गिरनार
🟠〰️कोई भी #धर्मस्थान #पर्यटन स्थान नही बनना चाहिये। चाहे वो #हिन्दु हो या #जैन
तीर्थ के लिये कहा जाता है की,
🔸"अन्य क्षेत्रे कृतं पापम् तीर्थक्षेत्रे विनश्यति❗
🔹तीर्थक्षेत्रे कृतं पापम् वज्रलेपो भविष्यति" ‼️
अतः किसी भी तीर्थ में तो कोई भी पाप कार्य करने से बचना ही चाहिये,, जैनों के तीर्थो में सर्वोच्च तीर्थ है #शत्रुंजय गिरिराज, जो की गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है, वर्तमान चोवीसी के 20 तीर्थंकर प्रभु जहां मोक्ष पर पधारे है वो #समेतशिखर तीर्थ, जो झारखंड में स्थित है और वर्तमान चोवीसी के एक एवं भविष्य की चोवीसी के सभी तीर्थंकर जहां मोक्ष पर पधारनेवाले है वो #गिरनार पर्वत, जो गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है"‼️
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🟠〰️कोई भी #धर्मस्थान #पर्यटन स्थान नही बनना चाहिये। चाहे वो #हिन्दु हो या #जैन
तीर्थ के लिये कहा जाता है की,
🔸"अन्य क्षेत्रे कृतं पापम् तीर्थक्षेत्रे विनश्यति❗
🔹तीर्थक्षेत्रे कृतं पापम् वज्रलेपो भविष्यति" ‼️
अतः किसी भी तीर्थ में तो कोई भी पाप कार्य करने से बचना ही चाहिये,, जैनों के तीर्थो में सर्वोच्च तीर्थ है #शत्रुंजय गिरिराज, जो की गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है, वर्तमान चोवीसी के 20 तीर्थंकर प्रभु जहां मोक्ष पर पधारे है वो #समेतशिखर तीर्थ, जो झारखंड में स्थित है और वर्तमान चोवीसी के एक एवं भविष्य की चोवीसी के सभी तीर्थंकर जहां मोक्ष पर पधारनेवाले है वो #गिरनार पर्वत, जो गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित है"‼️
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